कोशिका भित्त किसे कहते हैं || koshika bhitti kise kahte hain || 2023



नमस्कार दोस्तो, हम आशा करते है कि आप प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं की संरचना के बारे में पढ़ चुके होंगे और अब हम यूकैरियोटिक कोशिकाओं की संरचना का विस्तृत अध्ययन शुरू करेंगे। पहले इस लेख में हम जानेंगे कि कोशिका भित्त किसे कहते हैं (koshika bhitti kise kahte hain) तथा फिर मुख्य रूप से  यूकैरियोटिक कोशिकाओं की कोशिका भित्त के बारे में बात करेंगे।

 कोशिका भित्त किसे कहते है (koshika bhitti kise kahte hain) 

कोशिकाओं में कोशिका कला के बाहर मौजूद निर्जीव तथा दृढ़ परत को कोशिका भित्त कहते है। कोशिका भित्त हमे कवक, पादप तथा जगत-प्रोटिस्टा के सदस्य जो पादप के समान होते है जैसे; Diatoms आदि, की कोशिकाओं में देखने को मिलती है। जंतुओं की कोशिकाओं में कोशिका भित्त नही पाई जाती है अतः जंतुओं की कोशिकाओं में कोशिका कला ही सबसे बाहरी परत है।

कोशिका भित्त
कोशिका भित्त 

 कवक तथा पादपों की कोशिकाओं में पाई जाने वाली कोशिका भित्त एक दूसरे से भिन्न होती है जैसे; पादप कोशिकाओं की कोशिका भित्त सेलुलोस नामक पदार्थ से बनी होती है जबकि कवक कोशिकाओं की कोशिका भित्त कईटिन नामक पदार्थ की बनी होती है। इस लेख में हम पादप कोशिकाओं की कोशिका भित्त के बारे में गहराई से पढेंगे।



 कोशिका भित्त के प्रकार एवं उनकी संरचना (Structure of Cell wall) 

किसी पादप कोशिका में जीवन पर्यंत कोशिका भित्त की संरचना एक समान नही रहती बल्कि इसमें परिवर्तन देखने को मिलते है। इन परिवर्तनों के आधार पर ही कोशिका भित्त के निम्न प्रकार है;

1- प्राथमिक कोशिका भित्त (Primary cell wall)

जब कोशिका विभाजन(cell division) के फलस्वरूप नई पादप कोशिका बनती है तो उसमे जो कोशिका भित्त मौजूद होती है वो प्राथमिक कोशिका भित्त है। यह सेलुलोस, हेमीसेलुलोस तथा पेक्टिक पदार्थों से बनी होती है। इसकी मोटाई लगभग 1-3 माइक्रोमीटर होती है तथा यह प्रत्यास्थ(Elastic) होती है जिस कारण से यह फैल सकती है और कोशिका का आकार बढ़ सकता है।

Primary cell wall
पादप कोशिका 


2- द्वितीयक कोशिका भित्त (Secondary cell wall)

जब पादप कोशिका वृद्धि करने के बाद परिपक्व हो जाती है तो कोशिका के जीवद्रव्य में लिग्निन(एक पदार्थ) का निर्माण होता है और फिर यही लिग्निन प्राथमिक कोशिका भित्त के अंदर की तरफ इकट्ठा होकर कई परतों में द्वितीयक कोशिका भित्त का निर्माण करता है। इसकी मोटाई लगभग 5-10 माइक्रोमीटर होती है। 

Secondary cell wall
पादप कोशिका 

इस कोशिका भित्त में लिग्निन के अतिरिक्त सेलुलोज भी पाया जाता है। लिग्निन काफी दृढ़ होता है जिस कारण से इससे बनी द्वितीयक कोशिका भित्त फैल नही सकती अर्थात् द्वितीयक कोशिका भित्त युक्त कोशिका आकार में वृद्धि नही कर सकती। लिग्निन जलरोधी होता है अर्थात् पानी को आर-पार नही जाने देता जिस कारण जैसे-जैसे कोशिका में द्वितीयक कोशिका भित्त का निर्माण होता है, कोशिका को पानी आदि की सप्लाई बंद हो जाती हैं और कोशिका मृत हो जाती है।

इसके अतिरिक्त कभी-कभी पादप कोशिकाओं में त्रतियक कोशिका भित्त भी देखने को मिलती है।

नोट:

• पादप कोशिकाओं में कोशिका भित्त से बाहर की ओर कैल्शियम तथा मैग्नीशियम पेक्टेट नामक पदार्थों की बनी एक परत मौजूद होती है जिसे मध्य पटलिका (Middle Lamella) कहा जाता है। यह पादप कोशिकाओं को एक दूसरे से चिपकाती है।

मध्य पटल
मध्य पटल 

• पादप कोशिकाओं में मध्य पटलिका तथा कोशिका भित्त को भेदते हुई तथा कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य को आपस में जोड़ती हुए संरचनाएं पाई जाती है। जिन्हे जीवद्रव्य तंतु (Plasmodesmata) कहा जाता है; जैसा कि ऊपर चित्र मे दिखाया गया है।   ये कोशिकाओं के मध्य पदार्थों के आदान-प्रदान तथा कोशिकाओं के समनव्य में सहायता करती है। 
  

 कोशिका भित्त के कार्य 


• पादप कोशिकाओं को बाहरी अघात से बचाती है तथा सुरक्षा प्रदान करती है।

• कोशिका भित्त कोशिका को आकार प्रदान करती है।

• रोगाणुओं(Pathogens) को अंदर घुसने से रोकती है।

• पादप को खड़े रहने के लिए दृढ़ता प्रदान करती है जैसे; द्वितीय कोशिका भित्त युक्त कोशिकाएं लिग्निन युक्त होती है और यही कोशिकाएं पादपों के काष्ठीय उतको में देखने को मिलती है। 





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