नमस्कार दोस्तो, sciencepe.com के इस नए लेख में आपका स्वागत है। इस लेख में हम पहले मासिक चक्र या ‘menstrual cycle in hindi’ के बारे में बात करेंगे और फिर हम मासिक चक्र के दौरान स्त्रियों के शरीर में होने वाली घटनाओं को समझने की कोशिश करेंगे।
मासिक चक्र (Menstrual cycle)
स्त्रियों में जनन काल(Reproductive period) 12–13 वर्ष की उम्र में शुरू हो जाता है अर्थात् 12–13 वर्ष की उम्र में एक स्त्री संतान उत्पत्ति करने में या गर्भ धारण करने में सक्षम हो जाती है। जनन काल के शुरू होने के साथ ही स्त्रियों में हर महीने एक अंडाशय (Ovary) से एक अंडाणु(Ovum) निकलता है l इस प्रक्रिया को अंडोत्सर्ग(Ovulation) कहते है जो कि हर महीने स्त्री के दोनो अंडाशयों में बारी–बारी से घटती है। इसी समय स्त्री का गर्भाशय(Uterus) गर्भ धारण के लिए तैयार हो रहा होता है अर्थात् उसकी अंतरिक दीवार (Endometrium) गर्भ धारण के लिए मोटी हो रही होती है।
अब अगर स्त्री इस दौरान पुरुष के साथ संसर्ग (Sex) नही करती है तो पुरुष के शुक्राणु(Sperm) से अंडाणु का निषेचन(Fertilization) नही हो पता और यही अनिषेचित (unfertilized) अंडाणु हर महीने महिला की योनि(Vagina) से बाहर आता है। इसके साथ ही गर्भ धारण के लिए मोटी हुई गर्भाशय की अंतरिक दीवार भी झड़कर योनि(Vagina) से बाहर आती है। इस प्रक्रिया को ही Mensuration या Periods कहा जाता है। यह पूरी प्रक्रिया हर महीने स्त्री के शरीर में एक चक्र के रूप में चलती है जिसे मासिक चक्र या Menstrual cycle कहते है।
मासिक चक्र के दौरान होने वाली घटनाएं
स्त्री में मासिक चक्र सामान्यता 26–28 दिन का होता है। इसके दौरान होने वाली घटनाएं निम्न प्रकार से है;• मासिक चक्र के शुरू के 4–5 दिनों तक स्त्री में Menstruation होता है अर्थात् अंडाणु के साथ गर्भाशय की अंतरिक दीवार झड़कर योनि से बाहर आती है। इस समय को ही मासिक चक्र की आतर्व प्रवस्था (menstrual phase) कहते हैं।
• 5–13 दिनों तक जहां एक ओर स्त्री के अंडाशय में मौजूद अनेक फॉलिकल्स में से एक फॉलिकल परिपक्व होकर ग्राफियन फॉलिकल बनाता है। जिस कारण इस समय को मासिक चक्र की फॉलीकुलर प्रावस्था (follicular phase) कहते हैं।
• मासिक चक्र के 14वें दिन अंडाशय में मौजूद ग्रेफियन फॉलीकल फटता है और अंडाणु(Ovum) मुक्त होता है। यह अंडाणु अंडवाहिनी (Fallopian tube) में प्रवेश करता है।
• 15 से 16वें दिन तक अंडाणु निकल जाने के बाद शेष बचा ग्रेफियन फॉलिकल कॉर्पस ल्यूटियम का निर्माण कर लेता है और यही समय फैलोपियन ट्यूब में निषेचन(fertilization) का भी होता है।
• अगर फैलोपियन ट्यूब में अंडाणु का निषेचन हो जाता है तो 20–25वें दिन तक निषेचित अंडाणु गर्भाशय में स्थापित हो जाता है। पर यदि निषेचन नही हो पाता तो मासिक चक्र के 26–28वें दिन कॉर्पस ल्यूटियम नष्ट हो जाता है और गर्भाशय की Endometrium दीवार फिर से गिरना शुरू हो जाती है अर्थात् Menstrual phase फिर से शुरू हो जाती है जो कि 4–5 दिनों तक चलती है।
रजोदर्शन (Menarche)
किसी स्त्री के जीवन काल में पहली बार पीरियड्स आने अर्थात् पहली बार menstruation होने को रजोदर्शन(menarche) कहते है। यह 12–13 वर्ष की आयु में शुरू होता है।
रजोनिवृत्ति (Menopause)
45–50 वर्ष की महिलाओं में मासिक चक्र स्थाई रूप से रुक जाता है। इसे रजोनिवृत्ति(menopause) कहते है।इसके बाद महिलाओं में न तो अंडोत्सर्ग(ovulation) होता है और न ही पीरियड्स आते है जिस कारण महिला अपनी जनन क्षमता खो देती है अर्थात् संभोग(sex) के बाद भी महिला प्रेगनेंट नही होती।
मासिक चक्र का हार्मोनल नियंत्रण (Hormonal control of menstrual cycle)
तो दोस्तों, अभी तक हमने समझा कि मासिक चक्र के दौरान स्त्री के अंडाशय तथा गर्भाशय में क्या–क्या घटनाएं होती है। स्त्री के अंडाशय तथा गर्भाशय में होने वाली ये घटनाएं किस प्रकार हार्मोन्स के नियंत्रण में होती है? अब इसे समझने की बारी है। आप पढने के साथ-साथ नीचे दिए गए चित्र को जरूर देंखे। • अग्र पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलने बाला FSH हार्मोन मासिक चक्र की फॉलीकुलर प्रावस्था(follicular phase) में फॉलीकल के परिपक्व (mature) होकर ग्रेफियन फॉलिकल बनाने को प्रेरित करता है। FSH हार्मोन इस परिपक्व होते फॉलिकल की कोशिकाओं से एस्ट्रोजन के स्त्रावण को भी प्रेरित करता है।
• फॉलीकुलर प्रावस्था(5–13 दिन) के 12वें दिन तक एस्ट्रोजन की मात्रा रुधिर में काफी बढ़ जाती है। एस्ट्रोजन की बढ़ती मात्रा पिट्यूटरी ग्रंथि से LH के स्त्रावण को बढ़ाती तथा FSH के स्त्रावण को कम करती है।
• LH हार्मोन की बढ़ती मात्रा 14वें दिन अंडोत्सर्ग (Ovulation) कराती है। जिसके फलस्वरूप अंडाणु ग्राफियन फॉलिकल से निकलता है और बाद में (15–16 वें दिन) कॉर्पस ल्यूटियम का निर्माण होता है। यही से ल्यूटियल प्रावस्था शुरू हो जाती है।
• ल्यूटियल प्रावस्था(Luteal phase) में कॉर्पस ल्यूटियम प्रोजेस्ट्रॉन का स्त्रावण करता है जो कि गर्भ धारण करने के लिए बढ रही गर्भाशय की endometrium को संभालता है।
• रुधिर में बढ़ती प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन की मात्रा हाइपोथैलेमस से GnRH तथा अग्र पिट्यूटरी ग्रंथि से FSH तथा LH दोनो के स्त्रावण को रोकता है
• जब निषेचन नही हो पाता तो 26–28वें दिन कॉर्पस ल्यूटियम नष्ट हो जाता है जिससे प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का स्तर भी गिर जाता है। प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर गिरने से गर्भाशय की endometrium भी अब संभल नही पाती और वो झड़ने लगती है। Menstrual phase शुरू हो जाती है।
एक सामान्य मासिक धर्म कितने दिन का होता है?
मासिक धर्म के पीछे क्या कारण होता है?
मासिक धर्म आमतौर पर कब शुरू होता है?
मासिक धर्म कितने दिन तक चलता है?
मासिक धर्म के दौरान दर्द महसूस होना सामान्य है क्या?
क्या व्यायाम मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है?
क्या तनाव मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है?
मैं अपना मासिक धर्म कैसे ट्रैक कर सकती हूँ?
क्या अनियमित पीरियड सामान्य हैं?
क्या मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है?
क्या मासिक धर्म के दौरान सेक्स करना सुरक्षित है?
क्या मासिक धर्म के दौरान गर्भावस्था के आसार हो सकते हैं?
क्या मासिक धर्म के दौरान आपको खानपान में किसी प्रकार की प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों का पालन करना चाहिए?
क्या मासिक धर्म के दौरान वजन कम हो सकता है?
क्या पीरियड के दौरान अनिद्रा हो सकती है?
क्या मासिक धर्म के दौरान खून की कमी हो सकती है?
क्या योगाभ्यास मासिक धर्म को सुचारू रूप से कर सकता है?
क्या मासिक धर्म के दौरान तनाव नियंत्रण करने के लिए कोई उपाय हैं?
क्या मासिक धर्म के दौरान परंपरागत उपचारों का उपयोग करना चाहिए?
ConversionConversion EmoticonEmoticon