मासिक चक्र: Menstrual cycle in hindi || 2023



नमस्कार दोस्तो, sciencepe.com के इस नए लेख में आपका स्वागत है। इस लेख में हम पहले मासिक चक्र या ‘menstrual cycle in hindi’ के बारे में बात करेंगे और फिर हम मासिक चक्र के दौरान स्त्रियों के शरीर में होने वाली घटनाओं को समझने की कोशिश करेंगे।


मासिक चक्र (Menstrual cycle)

स्त्रियों में जनन काल(Reproductive period) 12–13 वर्ष की उम्र में शुरू हो जाता है अर्थात् 12–13 वर्ष की उम्र में एक स्त्री संतान उत्पत्ति करने में या गर्भ धारण करने में सक्षम हो जाती है। जनन काल के शुरू होने के साथ ही स्त्रियों में हर महीने एक अंडाशय (Ovary) से एक अंडाणु(Ovum) निकलता है l इस प्रक्रिया को अंडोत्सर्ग(Ovulation) कहते है जो कि हर महीने स्त्री के दोनो अंडाशयों में बारी–बारी से घटती है। इसी समय स्त्री का गर्भाशय(Uterus) गर्भ धारण के लिए तैयार हो रहा होता है अर्थात् उसकी अंतरिक दीवार (Endometrium) गर्भ धारण के लिए मोटी हो रही होती है। 

menstrual cycle in hindi

अब अगर स्त्री इस दौरान पुरुष के साथ संसर्ग (Sex) नही करती है तो पुरुष के शुक्राणु(Sperm) से अंडाणु का निषेचन(Fertilization) नही हो पता और यही अनिषेचित (unfertilized) अंडाणु हर महीने महिला की योनि(Vagina) से बाहर आता है। इसके साथ ही गर्भ धारण के लिए मोटी हुई गर्भाशय की अंतरिक दीवार भी झड़कर योनि(Vagina) से बाहर आती है। इस प्रक्रिया को ही Mensuration या Periods कहा जाता है। यह पूरी प्रक्रिया हर महीने स्त्री के शरीर में एक चक्र के रूप में चलती है जिसे मासिक चक्र या Menstrual cycle कहते है।


मासिक चक्र के दौरान होने वाली घटनाएं

स्त्री में मासिक चक्र सामान्यता 26–28 दिन का होता है। इसके दौरान होने वाली घटनाएं निम्न प्रकार से है;


• मासिक चक्र के शुरू के 4–5 दिनों तक स्त्री में Menstruation होता है अर्थात् अंडाणु के साथ गर्भाशय की अंतरिक दीवार झड़कर योनि से बाहर आती है। इस समय को ही मासिक चक्र की आतर्व प्रवस्था (menstrual phase) कहते हैं।

• 5–13 दिनों तक जहां एक ओर स्त्री के अंडाशय में मौजूद अनेक फॉलिकल्स में से एक फॉलिकल परिपक्व होकर ग्राफियन फॉलिकल बनाता है। जिस कारण इस समय को मासिक चक्र की फॉलीकुलर प्रावस्था (follicular phase) कहते हैं। 
वहीं दूसरी तरफ Menstruation के दौरान झड़ चुकी गर्भाशय की अंतरिक दीवार (endometrium) फिर से निर्मित हो रही होती है जिस कारण इस समय को मसिक चक्र की क्रमसारी प्रावस्था (Proliferative phase) भी कहते हैं।


Menstrual cycle



• मासिक चक्र के 14वें दिन अंडाशय में मौजूद ग्रेफियन फॉलीकल फटता है और अंडाणु(Ovum) मुक्त होता है। यह अंडाणु अंडवाहिनी (Fallopian tube) में प्रवेश करता है।

• 15 से 16वें दिन तक अंडाणु निकल जाने के बाद शेष बचा ग्रेफियन फॉलिकल कॉर्पस ल्यूटियम का निर्माण कर लेता है और यही समय फैलोपियन ट्यूब में निषेचन(fertilization) का भी होता है। 
इस समय से ही मासिक चक्र की स्त्रावी प्रावस्था (Secretory phase) या ल्यूटियल प्रावस्था (Luteal phase) का आरंभ होता है।

• अगर फैलोपियन ट्यूब में अंडाणु का निषेचन हो जाता है तो 20–25वें दिन तक निषेचित अंडाणु गर्भाशय में स्थापित हो जाता है। पर यदि निषेचन नही हो पाता तो मासिक चक्र के 26–28वें दिन कॉर्पस ल्यूटियम नष्ट हो जाता है और गर्भाशय की Endometrium दीवार फिर से गिरना शुरू हो जाती है अर्थात् Menstrual phase फिर से शुरू हो जाती है जो कि 4–5 दिनों तक चलती है।



रजोदर्शन (Menarche)

किसी स्त्री के जीवन काल में पहली बार पीरियड्स आने अर्थात् पहली बार menstruation होने को रजोदर्शन(menarche) कहते है। यह 12–13 वर्ष की आयु में शुरू होता है।


रजोनिवृत्ति (Menopause)

45–50 वर्ष की महिलाओं में मासिक चक्र स्थाई रूप से रुक जाता है। इसे रजोनिवृत्ति(menopause) कहते है।
इसके बाद महिलाओं में न तो अंडोत्सर्ग(ovulation) होता है और न ही पीरियड्स आते है जिस कारण महिला अपनी जनन क्षमता खो देती है अर्थात् संभोग(sex) के बाद भी महिला प्रेगनेंट नही होती।


मासिक चक्र का हार्मोनल नियंत्रण (Hormonal control of menstrual cycle)

तो दोस्तों, अभी तक हमने समझा कि मासिक चक्र के दौरान स्त्री के अंडाशय तथा गर्भाशय में क्या–क्या घटनाएं होती है। स्त्री के अंडाशय तथा गर्भाशय में होने वाली ये घटनाएं किस प्रकार हार्मोन्स के नियंत्रण में होती है? अब इसे समझने की बारी है। आप पढने के साथ-साथ नीचे दिए गए चित्र को जरूर देंखे। 

•  सबसे पहले स्त्रियों के मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस से GnRH (Gonadotropins releasing hormone) नामक हार्मोन निकलता है जो अग्र पिट्यूटरी ग्रंथि(anterior pituitary gland) से दो हार्मोन्स; FSH तथा LH के स्त्रावण को प्रेरित करता है।

• अग्र पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलने बाला FSH हार्मोन मासिक चक्र की फॉलीकुलर प्रावस्था(follicular phase) में फॉलीकल के परिपक्व (mature) होकर ग्रेफियन फॉलिकल बनाने को प्रेरित करता है। FSH हार्मोन इस परिपक्व होते फॉलिकल की कोशिकाओं से एस्ट्रोजन के स्त्रावण को भी प्रेरित करता है।

• फॉलीकुलर प्रावस्था(5–13 दिन) के 12वें दिन तक एस्ट्रोजन की मात्रा रुधिर में काफी बढ़ जाती है। एस्ट्रोजन की बढ़ती मात्रा पिट्यूटरी ग्रंथि से LH के स्त्रावण को बढ़ाती तथा FSH के स्त्रावण को कम करती है।

• LH हार्मोन की बढ़ती मात्रा 14वें दिन अंडोत्सर्ग (Ovulation) कराती है। जिसके फलस्वरूप अंडाणु ग्राफियन फॉलिकल से निकलता है और बाद में (15–16 वें दिन) कॉर्पस ल्यूटियम का निर्माण होता है। यही से ल्यूटियल प्रावस्था शुरू हो जाती है।

• ल्यूटियल प्रावस्था(Luteal phase) में कॉर्पस ल्यूटियम प्रोजेस्ट्रॉन का स्त्रावण करता है जो कि गर्भ धारण करने के लिए बढ रही गर्भाशय की endometrium को संभालता है।

• रुधिर में बढ़ती प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन की मात्रा हाइपोथैलेमस से GnRH तथा अग्र पिट्यूटरी ग्रंथि से FSH तथा LH दोनो के स्त्रावण को रोकता है

• जब निषेचन नही हो पाता तो 26–28वें दिन कॉर्पस ल्यूटियम नष्ट हो जाता है जिससे प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का स्तर भी गिर जाता है। प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर गिरने से गर्भाशय की endometrium भी अब संभल नही पाती और वो झड़ने लगती है। Menstrual phase शुरू हो जाती है।



महत्वपूर्ण FAQs:



मासिक धर्म क्या होता है?

 मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो महिला शरीर में गर्भाधान के लिए तैयारी करती है। इसमें गर्भाशय की ऊतकों की अंदरूनी परत को शेड किया जाता है, जिससे वैजाइना के माध्यम से रक्तस्राव होता है।


एक सामान्य मासिक धर्म कितने दिन का होता है? 

एक सामान्य मासिक धर्म लगभग 28 दिन का होता है, लेकिन इसमें व्यक्ति के आधार पर भिन्नता हो सकती है। कुछ साइकल 21 दिन की हो सकती हैं जबकि कुछ 35 दिन की हो सकती हैं।


मासिक धर्म के पीछे क्या कारण होता है?

 मासिक धर्म प्राथमिक रूप से हार्मोन्स द्वारा नियंत्रित होता है। हर मासिक चक्र में अंडाशय से एक अंडा छूटता है, और यदि गर्भाधान नहीं होता है, तो गर्भाशय अपनी परत शेड करता है, जिससे मासिक धर्म होता है।


मासिक धर्म आमतौर पर कब शुरू होता है? 

मासिक धर्म आमतौर पर 12-14 वर्ष की आयु के आसपास शुरू होता है, हालांकि इसमें भिन्नता हो सकती है। इसे मेनार्की कहा जाता है।


मासिक धर्म कितने दिन तक चलता है?
 
मासिक धर्म आमतौर पर 3 से 7 दिन तक चलता है। हालांकि, यह हर व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकता है।


मासिक धर्म के दौरान दर्द महसूस होना सामान्य है क्या? 

मासिक धर्म के दौरान कुछ असहनीयता या हल्का दर्द, जिसे दिमागी अवस्था (डिसमेनोरिया) कहते हैं, सामान्य हो सकती हैं। हालांकि, तेज दर्द या असहज दर्द कोई आंतरिक समस्या की संकेत हो सकती है और इसे चिकित्सा देखभाल करने वाले संगठन से चर्चा करनी चाहिए।


क्या व्यायाम मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है? 
नियमित व्यायाम मासिक धर्म को नियमित करने और कशेरूक्ति जैसे लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, अत्यधिक व्यायाम या अचानक तेज व्यायाम कभी-कभी चक्र को व्यवधान कर सकते हैं।


क्या तनाव मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है? 

हां, तनाव मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है। ऊच्च स्तर का तनाव हार्मोन स्तरों को व्यवधान कर सकता है, जिससे मासिक धर्म में अनियमितता हो सकती है।


मैं अपना मासिक धर्म कैसे ट्रैक कर सकती हूँ?

 आप अपने मासिक धर्म को ट्रैक करने के लिए अपने पीरियड की शुरुआत और समाप्ति तिथियों का रिकॉर्ड रख सकती हैं। वहाँ फोन एप्लिकेशन और ऑनलाइन टूल्स भी हैं जिनका उपयोग ट्रैकिंग के लिए किया जा सकता है।


क्या अनियमित पीरियड सामान्य हैं? 

मासिक धर्म में कुछ अनियमितता सामान्य होती है, विशेष रूप से मेनार्के के बाद के पहले कुछ सालों में। हालांकि, यदि आपके पीरियड नियमित रूप से अनियमित हैं या अचानक परिवर्तन देखें, तो सलाहकार स्वास्थ्य सेवा की सलाह लेना उचित होगा।


क्या मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है? 

हां, मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से स्नान करें और पदार्थ परिवर्तन करने के लिए नये सेनेटरी नैपकिन या तम्बू इस्तेमाल करें।


क्या मासिक धर्म के दौरान सेक्स करना सुरक्षित है? 

हां, मासिक धर्म के दौरान सेक्स करना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन रक्तस्राव के कारण इस प्रक्रिया में अवांछित गर्भावस्था का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, गर्भनिरोधक उपकरणों का उपयोग करना सुनिश्चित करें।


क्या मासिक धर्म के दौरान गर्भावस्था के आसार हो सकते हैं?
 

मासिक धर्म के दौरान गर्भावस्था के आसार हो सकते हैं, खासकर यदि आपका चक्र संगत नहीं है। गर्भधारण के लिए सुरक्षित सेक्स का पालन करें और यदि आप गर्भवती होने के लक्षण देखें, तो गर्भवती होने के प्राथमिक चिन्हों को जांचने के लिए एक गर्भवतीता टेस्ट करें।


क्या मासिक धर्म के दौरान आपको खानपान में किसी प्रकार की प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों का पालन करना चाहिए? 
हां, मासिक धर्म के दौरान आपको कॉफी, मसालेदार और तली हुई चीजें, मिर्ची, तेज मसाले, तली गाय के तेल युक्त भोजन, आदि से बचना चाहिए। इसके अलावा, हेल्दी आहार खाना और पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है।


क्या मासिक धर्म के दौरान वजन कम हो सकता है?

 हां, मासिक धर्म के दौरान कुछ महिलाओं में थोड़ा सा वजन कम हो सकता है, जिसका कारण हॉर्मोनल परिवर्तन होता है। हालांकि, यह सामान्य रूप से अस्थायी होता है और पीरियड के बाद वजन सामान्य रूप से बढ़ जाता है।



क्या पीरियड के दौरान अनिद्रा हो सकती है? 

हां, कुछ महिलाओं को पीरियड के दौरान अनिद्रा की समस्या हो सकती है। यह हार्मोनल परिवर्तन और शारीरिक तकलीफ के कारण हो सकता है। यदि आपको यह समस्या है, तो एक स्वस्थ नींद की व्यवस्था रखने के लिए संजीवनी आहार का सेवन करें और स्ट्रेस को कम करने के तरीकों का पालन करें।


क्या मासिक धर्म के दौरान खून की कमी हो सकती है?

 हां, मासिक धर्म के दौरान कुछ महिलाओं में खून की कमी हो सकती है, जिसे आनेमिया कहा जाता है। इसके कारण आपको थकान, चक्कर आना, पालपिटेशन, और मानसिक तनाव जैसे लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको खून की कमी की समस्या हो तो एक चिकित्सक की सलाह लें और पूर्ण आहार लें जो फोलिक एसिड, आयरन और विटामिन सी का संयोजन करता है।


क्या योगाभ्यास मासिक धर्म को सुचारू रूप से कर सकता है?

 हां, योगाभ्यास मासिक धर्म को सुचारू रूप से करने में मदद कर सकता है। योगासनों के द्वारा शरीर में संतुलन और तानाव को कम किया जा सकता है, जिससे मासिक धर्म के लक्षणों को कम किया जा सकता है। हालांकि, योग का अभ्यास करने से पहले अपने योग गुरु से सलाह लें और अपनी सीमाओं के अनुसार योग करें।


क्या मासिक धर्म के दौरान तनाव नियंत्रण करने के लिए कोई उपाय हैं?

 हां, मासिक धर्म के दौरान तनाव को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय हैं। आप प्राकृतिक तरीकों से तनाव कम करने का प्रयास कर सकते हैं, जैसे कि प्राणायाम, ध्यान, योग, यात्रा, मसाज, या शान्ति और सुख के आदान-प्रदान करने के तरीके। अपने दिनचर्या में समय निर्धारित करें और सोने के लिए पर्याप्त समय निकालें।


क्या मासिक धर्म के दौरान परंपरागत उपचारों का उपयोग करना चाहिए? 

मासिक धर्म के दौरान परंपरागत उपचारों का उपयोग करना आपकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। कुछ महिलाएं घरेलू उपचार, जैसे कि गर्में पानी का इस्तेमाल, गर्म पट्टी रखना, आंवला और अशोकारिष्ट का सेवन, आदि करने को पसंद करती हैं। हालांकि, यदि आप किसी दवा या उपचार का उपयोग करने की सोच रहे हैं, तो पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।




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