केन्द्रक किसे कहते है: खोज, संरचना तथा कार्य || Nucleus in Hindi || 2023



Nucleus in hindi- नमस्कार दोस्तो, Sciencepe.com के इस नए लेख में आपका स्वागत है। इस लेख में हम कोशिका के कोशिकाद्रव्य में मौजूद केंद्रक(Nucleus) के बारे में बात करेंगे और फिर हम केंद्रक की संरचना तथा इसके कार्यों को भी समझेंगे।

nucleus in hindi
केन्द्रक (Nucleus)


केंद्रक (Nucleus)

केंद्रक यूकैरियोटिक कोशिकाओं जैसे; पादप, जंतु तथा कवक कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य में मौजूद दोहरी झिल्ली(Double membrane) रखने वाला कोशीकांग (cell organelle) है। प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं जैसे; जीवणु कोशिका आदि में केंद्रक नहीं पाया जाता है या हम कह सकते है कि इन कोशिकाओं में पूर्ण विकसित केंद्रक नही पाया जाता है क्योंकि इनके केंद्रक में दोहरी झिल्ली या केंद्रक कला (Nucleus membrane) या केंद्रक आवरण नही होता। हम केंद्रक कला के बारे में इसी लेख में आगे समझेंगे। 

इसके अलावा कुछ यूकैरियोटिक कोशिकाओं जैसे; स्तनधारियों की RBC में भी केंद्रक नही पाया जाता। केंद्रक कोशिका के सभी कार्यों जैसे; कोशिका विभाजन, प्रोटीन निर्माण तथा कोशिका की मृत्यु आदि को नियंत्रित करता है जिस कारण से हम इसको कोशिका का नियंत्रण कक्ष(control chamber of cell) भी कह सकते है।



केन्द्रक की खोज

केंद्रक की खोज कोशिका के अंदर मौजूद सभी कोशिकांगो में सबसे पहले हुई। इसका कुल कारण इतना हो सकता है कि इसका आकार अन्य कोशिकांगों की तुलना में सबसे ज्यादा होता है। केंद्रक की खोज का श्रेय बैज्ञानिक Robert Brown को जाता है। यह बात सन् 1831 की है जब Robert Brown आर्किड नामक पुष्पी पादप (Angiosperm plant) के फूलो की कोशिकाओं का अध्यन सूक्ष्मदर्शी से कर रहे थे। उन्हें इन कोशिकाओं में अपारदर्शी क्षेत्र दिखाई देता है। Robert Brown इसके लिए “areola” या “nucleus” शब्द का प्रयोग करते है।

 

Robert Brown
 Robert Brown तथा आर्किड फूल 


कोशिका में केंद्रक की स्थित

प्रायः जंतु कोशिकाओं में केंद्रक कोशिका के केंद्र में मौजूद होता है पर कुछ जंतु कोशिकाओं जैसे; ग्रंथि कोशिकाएं (Glandular cells) आदि में केंद्रक कोशिका के आधार में होता है। पादप कोशिकाओं में रसधानी (Vacuole) की उपस्थित के कारण केंद्रक केंद्र में ना होकर एक कोने में मौजूद होता है।



केंद्रक का आकार (Size of Nucleus)

जंतु कोशिकाओं में केंद्रक आकार में सभी कोशिकांगो में सबसे बड़ा होता है तथा माइटोकांड्रिया केंद्रक के बाद दूसरा सबसे बड़ा कोशिकांग है। पादप कोशिकाओं का लगभग 80–90% भाग में रसधानी (Vacuole) होता हैं जिस कारण से केंद्रक आकार में दूसरे स्थान पर होता है तथा हरित लवक(chloroplast) आकार में तीसरे स्थान पर होता है और इसके बाद माइटोकांड्रिया चौथे स्थान पर होता है।

केंद्रक की आकृति (Shape of Nucleus)

अधिकतर कोशिकाओं में केंद्रक की आकृति गोल या अंडाकार होती है पर कुछ कोशिकाओं में केंद्रक की आकृति गोल न होकर कुछ और आकार की हो सकती है जैसे; रुधिर(Blood) की श्वेत रुधिर कोशिकाओं (Leucocytes) के केंद्रकों की आकृति निम्न प्रकार है;

• बेसोफिल में तीन लोब्स बाला केंद्रक

• इयोसिनोफिल में दो लोब्स बाला केंद्रक

• न्यूट्रोफिल में कई लोब बाला केंद्रक

• मोनोसाइट में हेड फोन जैसा केंद्रक

इसके अलावा रेशम कीड़ों के लार्वा में केंद्रक शाखित होता है।

                                                                 Leukocyte कोशिकाएं



केंद्रक की संख्या

1839 में प्रस्तुत कोशिका सिद्धांत कहता है कि सभी कोशिकाओं में एक केंद्रक होता है पर ये बात गलत है क्योंकि...

•अधिकांश पादप तथा जंतु कोशिकाओं में एक केंद्रक होता है जिस कारण इन्हें एककेंद्रीय कोशिकाएं कहते है।

• कुछ कोशिकाओं जैसे; पैरामीशियम में दो केंद्रक होते है जिस कारण इन्हे द्विकेंद्रीय कोशिकाएं कहते है।




• इसके अलावा कुछ कोशिकाओं जैसे; Synchytium कवक तथा Plasmodium जंतु की कोशिका में तीन से अधिक केंद्रक भी पाए जाते है जिस कारण इन्हें बहुकेंद्रीय कोशिकाएं कहते है।


केंद्रक की संरचना

केंद्रक के चार भाग होते है;

1- केंद्रक आवरण या केंद्रक कला (Nuclear Envelop or Nuclear Membrane)

केंद्रक आवरण या केंद्रक कला, केंद्रक के चारो ओर पाया जाने वाला वह आवरण है जो केंद्रक के अंदर मौजूद केंद्रकद्रव्य(Nucleoplasm) को कोशिकाद्रव्य(Cytoplasm) से अलग करता है। यह आवरण दो झिल्लियों (Double membranes) का बना होता है तथा जिनके बीच 10–50 नैनोमीटर का अंतराल(Space) होता है जिसे परिकेंद्रिय अंतराल (Perinuclear space) कहते है। 

अंतरिक झिल्ली का संपर्क केंद्रकद्रव्य में मौजूद क्रोमैटिन जालक (Chromatin network) से होता है जबकि बाह्य झिल्ली का संपर्क कोशिकाद्रव्य में मौजूद अंतःप्रद्रव्यी जालिका(Endoplasmic Reticulum) से होता है। केंद्रक आवरण में कई जगह पर छोटे-छोटे छिद्र पाए जाते है जिन्हे केंद्रक छिद्र(Nuclear pore) कहते हैं । इनका निर्माण केंद्रक आवरण की इन दोनो झिल्लियों के मिलने वाले स्थान पर होता है। इनका कार्य केंद्रकद्रव्य तथा कोशिकाद्रव्य के बीच विभिन्न पदार्थों जैसे; प्रोटीन, RNA आदि का आदान–प्रदान करना है।

structure of nucleus
केन्द्रक की संरचना 


2- केंद्रकद्रव्य (Nucleoplasm

केंद्रक के अंदर भरा पारदर्शी, अर्धतरल(जैली जैसा) तथा कण युक्त(Granular) पदार्थ केंद्रकद्रव्य या केंद्रक रस कहलाता है। इसमें RNA, DNA, प्रोटीन, एंजाइम, लिपिड तथा खनिज लवण पाए जाते है।

3- केद्रिका (Nucleolus)

केंद्रक के केंद्रकद्रव्य में मौजूद एक बड़ी, गोल, तथा सघन संरचना केंद्रिका कहलाती है। केंद्रिका को सबसे पहले वैज्ञानिक Fontana ने सन् 1781 में देखा था। केंद्रिका की आकृति कोशिकाओं की क्रियाशीलता के अनुसार बदलती है । कम क्रियाशील कोशिकाओं अर्थात् कम कार्य करने वाली कोशिकाओं जैसे; शुक्राणु(sperm) में यह या तो आकार में छोटी होती है या होती ही नहीं है जबकि अधिक क्रियाशील कोशिकाओं जैसे; स्त्रावण कोशिकाओं में यह बड़ी होती है और इसकी संख्या एक से अधिक भी हो सकती है। केंद्रिका केंद्रक द्रव्य में खुली पड़ी होती है क्योंकि इसके चारो ओर किसी प्रकार की कला (membrane) नहीं पाई जाती है।

कोशिका विभाजन के समय परिवर्तन 




आप आगे पढेंगे कि जब कोशिका विभाजन(Division) के लिए तैयार हो रही होती है तो केंद्रक के केंद्रकद्रव्य में मौजूद धागे जैसे तंतुओं से बना क्रोमैटिन जालक इकट्ठा होकर गुणसूत्र में परिवर्तित हो जाता है और इसी समय केंद्रकद्रव्य में मौजूद केंद्रिका गुणसूत्र में द्वितीयक संकुचन(secondary constriction) बनाती है।


4- क्रोमैटिन जालक (Chromatin network)

केंद्रक के केंद्रकद्रव्य में मौजूद धागे जैसे तंतुओं का बना जाल क्रोमेटिन जालक कहलाता है। इन तंतुओं को क्रोमैटिन तंतु कहते है और ये तंतु DNA के बने होते है। क्रोमैटिन शब्द chroma से आया है जिसका अर्थ रंगीन होता है। केंद्रकद्रव्य में मौजूद धागे जैसे तंतुओं के लिए क्रोमैटिन शब्द प्रयोग किया गया क्योंकि ये Basic Fuschin नामक क्षारीय अभिरंजक से अभिरंजित (Stained) हो जाते है। यह प्रक्रिया अभिरंजन (Staining) कहलाती है। कोशिका विभाजन के समय यही क्रोमैटिन जालक इकट्ठा या संघनित होकर गुणसूत्र(chromosomes) का निर्माण करता है। केंद्रकद्रव्य में मौजूद ये क्रोमैटिन जालक दो प्रकार का होता है;

यूक्रोमैटिन जालक: यह कम घना तथा हल्के रंग का दिखाई देता है।

हेट्रोक्रोमैटिन जालक: यह अधिक घना तथा गहरे रंग का दिखाई देता है।

इनका विस्तृत अध्यन हम आगे करेंगे।


केंद्रक के कार्य

• केद्रक कोशिका की सभी क्रियाओं जैसे; उपापचय आदि का नियंत्रण करता है। इसे कोशिका का मस्तिष्क भी कहते है।

• केंद्रक कोशिका विभाजन की प्रक्रिया का नियंत्रण भी करता है जिसके फलस्वरूप एक कोशिका दो पुत्री कोशिकाओं को जन्म देती है।

• केद्रक की केंद्रिका में राइबोसोम का निर्माण होता है जो कि झिल्ली विहीन (membrane less) कोशिकांग है और प्रोटीन निर्माण में सहायता करते है।

• केद्रक की केंद्रिका में r RNA का निर्माण भी होता है। r RNA प्रोटीन निर्माण के समय राइबोसोम की दोनो इकाइयों को जोड़ने का कार्य करता है।

• केंद्रक के DNA में प्रोटीन निर्माण की सूचना होती है जिसको वह m RNA द्वारा राइबोसोम तक पहुंचता है जहां प्रोटीन निर्माण होता है।

• केंद्रक में ही कोशिका की आयु (Cell aging) की सूचना भी होती है। 




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